रैफरल सेंटर बने रामनगर के सरकारी अस्पताल को पीपीपी मोड से मिलेगी मुक्ति

रामनगर 04 अप्रैल। आख़िरकार रामनगर के सरकारी अस्पताल रामदत्त जोशी संयुक्त चिकित्सालय को उत्तर प्रदेश की शुभम सर्वम कंपनी से मुक्ति मिल गई है । उत्तराखंड सरकार ने इस अस्पताल को जुलाई 2020 में उत्तर प्रदेश की शुभम सर्वम कंपनी को दे दिया था। तब से यह अस्पताल पीपीपी मोड पर संचालित हो रहा था। अब सरकार ने कंपनी को जुलाई तक अस्पताल को हस्तांतरित करने का निर्देश दिया है।
प्रदेश सरकार को आशा थी कि पीपीपी मोड पर आने के बाद अस्पताल की दशा दिशा बदलेगी लेकिन सुधार तो आया नहीं बल्कि अस्पताल केवल रैफरल सेंटर बनकर रह गया। मरीजों व उनके परिजनों से डॉक्टरों व स्टॉफ द्वारा अभद्रता के मामले आये दिन आ रहे थे। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री जब भी यहां निरीक्षण के लिए पहुंचते थे तो स्थानीय जनता उनसे अस्पताल को पीपीपी मोड से हटाने की मांग करने लगाती ।
अब उत्तराखंड हेल्थ सिस्टम डेवलपमेंट प्रोजेक्ट व चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के महानिदेशक की ओर से 1 अप्रैल को पत्र जारी हुआ है जिसमे लोक निजी सहभागिता अंतर्गत संचालित रामदत्त जोशी चिकित्सालय रामनगर, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भिकियासैण, सामुदायिक केंद्र बीरोंखाल को अनुबंधावधि 6 जुलाई 2024 को पूर्ण हो रही है। ऐसे में 6 जुलाई तक पीपीपी मोड संचालक को अस्पताल हस्तांतरित करना होगा। ताकि 7 जुलाई से सरकार की ओर से अस्पताल संचालित हो सके।
इस बारे में मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, रामनगर डा. चंद्रा पंत, का कहना है कि उत्तराखंड हेल्थ सिस्टम डेवलपमेंट प्रोजेक्ट की ओर से पत्र प्राप्त हुआ है। पत्र के अनुसार रामदत्त जोशी चिकित्सालय को पीपीपी मोड संचालक को 6 जुलाई तक हस्तांतरित करना है। इसके लिए पीपीपी मोड संचालक को तीन माह का समय दिया गया है। उधर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भिकियासैण, के बारे में राजसत्ता न्यूज़ से बात करते हुए अल्मोड़ा के सीएमओ डॉ आर सी पंत ने फ़ोन पर बताया कि अभी तक उन्हें इस तरह का कोई लिखित आदेश नहीं मिला है, पौड़ी गढ़वाल के वीरोंखाल स्थित सामुदायिक केंद्र बीरोंखाल के डॉक्टर शैलेन्द्र ने बताया कि उन्हें भी फिलहाल इस बारे में कोई पत्र नहीं मिला है।

 

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