दो जिले व एक सौ बारह नगर निकाय क्षेत्र भू कानून से बाहर
देहरादून: उत्तराखंड की धामी सरकार द्वारा बजट सत्र में नए संशोधित भू कानून को पास करवाए जाने को लेकर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने इसे केवल जनता की आंखों में धूल झोंकने वाला कानून बताते हुए एन डी तिवारी सरकार वाले भू कानून को जस का तस लागू करवाने की मांग की है। रविवार को कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि नए संशोधित भू कानून में धामी सरकार ने दो महत्वपूर्ण जिले हरिद्वार और उधम सिंह नगर व राज्य के एक सौ बारह नगर निकाय क्षेत्रों में को बाहर रक्खा जिससे साफ हो गया कि भाजपा सरकार राज्य के मूल निवासियों की भावनाओं और उनकी सांस्कृतिक धरोहर उनके जल जंगल व जमीन के संरक्षण के प्रति बिल्कुल भी संवेदनशील नहीं है।
धस्माना ने कहा कि राज्य गठन के बाद पहली निर्वाचित कांग्रेस सरकार जो कि एन डी तिवारी जी के नेतृत्व में बनी थी उसने राज्य के पर्वतीय स्वरूप व राज्य की सांस्कृतिक धरोहर और जल जंगल जमीन को धन पशुओं से बचाने के लिए राज्य को बेहतरीन भू कानून दिया था किंतु उस कानून को 2017 के बाद भाजपा सरकार गठन के बाद त्रिवेंद्र तीरथ व धामी सरकारो ने संशोधनों के माध्यम से निष्प्रभावी कर दिया और 2028 से आज तक राज्य की बहुमूल्य जमीनें राज्य से बाहर के लोगों ने धनबल के बल पर खरीद लीं जिसके कारण आज राज्य भर में जनता में भरी आक्रोश व्याप्त है और राज्य का युवा वर्ग महिलाएं और अब तो आम जन राज्य के लिए एक सख्त भू कानून की मांग को लेकर आंदोलनरत है।
उन्होंने कहा कि धामी सरकार ने जनता के आक्रोश को शांत करने के लिए सख्त भू कानून का शिगूफा छोड़ा और अब बजट सत्र में एक संशोधित भू कानून विधानसभा में ला कर पारित करवा लिया जो एक लंगड़े लूले कानून के रूप में बेमतलब पास करवा दिया गया जो कि राज्य के दो अति महत्वपूर्ण जिलों हरिद्वार और उधम सिंह नगर व राज्य के नगर निकाय क्षेत्रों में प्रभावी ही नहीं होगा। श्री धस्माना ने कहा कि धामी सरकार की मंशा अगर राज्य को एक सशक्त भू कानून देने की होती तो वे वर्ष 2017 से लेकर 2025 तक तिवारी सरकार के भू कानून में किए गए सभी संशोधनों को रद्द कर पूरे राज्य के लिए एक भू कानून बनाती और 2018 से 2025 तक पुराने कानून का उल्लंघन कर बाहरी लोगों द्वारा खरीदी हुई सारी भूमियों की जांच करवा कर उस भूमि को राज्य सरकार में निहित करवाती।
उन्होंने बजट सत्र में प्रदेश सरकार के वरिष्ठ मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल द्वारा की गई अभद्रता प्रकरण में श्री धस्माना ने कहा कि जानबूझकर प्रदेश में पहाड़ी बनाम मैदानी का विभाजन किया जा रहा है और इसके लिए पूरी तरह से भारतीय जनता पार्टी व उनकी सरकार जिम्मेदार है। श्री धस्माना ने कहा कि मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के विधानसभा में गाली प्रकरण में भारतीय जनता पार्टी अब तक खामोश है और उसने ना ही मंत्री से इस प्रकरण पर कोई सफाई मांगी है और ना ही उनके विरुद्ध कोई कार्यवाही की है। श्री धस्माना ने कहा कि इससे ज्यादा अफसोसनाक विधानसभा अध्यक्ष का व्यवहार है जिन्होंने ना तो गाली दे रहे मंत्री को रोका और ना ही उनसे माफी मांगने को कहा बल्कि उल्टा कांग्रेस विधायक लखपत बुटोला को इस मुद्दे पर बोलने नहीं दिया और उनको बुरे तरीके से डांटने का कार्य किया।
धस्माना ने कहा कि मंत्री के इस ऊंट पतंग बयान से व विधानसभा अध्यक्ष के रवैया व सत्ताधारी दल की खामोशी से यह साबित हो रहा है कि भाजपा ने जानबूझ कर राज्य की जनता को पहाड़ी बनाम मैदानी में विभाजित करने का षडयंत्र रचा है। श्री धस्माना ने कहा कि कांग्रेस इस पूरे प्रकरण में मांग करती है कि भाजपा अपने मंत्री को अपने इस कुकृत्य के लिए माफी मांगने के निर्देश दे अन्यथा मुख्यमंत्री से मंत्री को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने के आदेश दें।